Ma Brahmacharini: Puja on 2nd Day of Navratri 2024|Cosmogyaan

by | Apr 9, 2024 | Navratri

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Navratri 2024 Ma Brahmacharini ki pooja dusre din hoti hai, Pooja vidhi of Ma Brahmacharini

ma Brahmacharini

Ma Brahmacharini : नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप:

माँ ब्रह्मचारिणी की कथा:

माँ ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। उन्होंने एक हज़ार वर्ष तक केवल फल-फूल खाकर और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह करते हुए तप किया। तत्पश्चात कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखते हुए खुले आकाश के नीचे धूप और वर्षा के घोर कष्ट सहे। इसके बाद, उन्होंने टूटे हुए बिल्व पत्र खाकर तीन हज़ार वर्षों तक भगवान शंकर की आराधना करती रहीं। अंत में, उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिया और कई हज़ार वर्षों तक बिना जल लिए और निराहार रहकर तपस्या करती रहीं।

उनकी तपस्या की कठोरता और दृढ़ता से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने माँ ब्रह्मचारिणी को वरदान दिया। माँ ब्रह्मचारिणी को नवदुर्गा का दूसरा रूप माना जाता है और वे ज्ञान, शिक्षा, और तपस्या की देवी हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी ने कठोर तपस्या की। उन्होंने पत्ते खाना भी छोड़ दिया, जिसके कारण उनका नाम अपर्णा पड़ गया। कठिन तपस्या के कारण उनका शरीर क्षीण हो गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने उनकी तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया और उनकी सराहना की। उन्होंने कहा, “हे देवी, आज तक किसी ने भी इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की है। यह केवल आपसे ही संभव था। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी आपको पति रूप में प्राप्त होंगे। अब आप तपस्या छोड़कर घर लौट जाएं। जल्द ही आपके पिता आपको बुलाने आ रहे हैं।

नवरात्रि में पूजा:

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन पर होती है।

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि:

  • सुबह उठकर स्नान करें
  • स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा पर बैठें।
  • चौकी पर माँ ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • कलश स्थापना करें।
  • दीप प्रज्वलित करें और नैवेद्य अर्पित करें।
  • माँ को पिस्ते की मिठाई का भोग लगाएं।
  • उन्हें पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें।
  • माँ के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।

सामग्री

  • फूल
  • अक्षत
  • रोली
  • चंदन
  • दूध
  • दही
  • घृत
  • मधु
  • शर्करा
  • दीप
  • अगरबत्ती
  • फल
  • मिठाई

माँ ब्रह्मचारिणी का मंत्र:

माँ ब्रह्मचारिणी की आरती:

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां श्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरी
मंत्रहीनम क्रियाहीनम भक्तिहीनम सुरेश्वरी। यत्पूजितं मया देवी परिपूर्ण तदस्मतु।

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Suresh Bhola

Astrologer Shree Suresh Bhola

Astrologer and Lal kitab guide